महिलाओं को अपने पूरे जीवनकाल में कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिनमें अनियमित पीरियड्स, हार्मोनल असंतुलन, एनीमिया, कमजोरी, प्रसव के बाद दूध बनने की कमी, प्रजनन स्वास्थ, रक्त प्रदर, श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) प्रमुख हैं। इन समस्याओं का समाधान हमारी रसोई में ही मौजूद होता है। संतुलित आहार, योग और सही दिनचर्या अपनाकर महिलाओं की ये आम स्वास्थ्य परेशानियां दूर की जा सकती हैं और संपूर्ण स्वास्थ्य को ठीक बनाए रखा जा सकता है। इस लेख के माध्यम से महिलाओं की आम स्वास्थ्य समस्याएं और उनके घरेलू समाधान जानेंगे।
पीरियड्स, माहवारी, मासिक धर्म (Menstrual) से सम्बंधित समस्याए और उनके घरेलू समाधान
- पुदीने का सेवन महिलाओ के लिए भी बहुत लाभकारी होता है इसके नियमित सेवन से मासिक धर्म नियमित रूप से समय पर आते है।
- मासिक धर्म के दौरान महिलाओ को पेट में काफी दर्द और ऐंठन का सामना करना पड़ता है इस दौरान पुदीने के सेवन से दर्द में आराम मिलता है।
- जिन महिलाओ को मासिक धर्म टाइम पर नहीं आता बहुत दिनों बाद आता है उनके लिए बैंगन का सेवन करना काफी फायदेमंद होता है।
- नाभि में सरसों का तेल नियमित रूप से लगाने से पीरियड के समय होने वाले दर्द में लाभ मिलता है।
- आम की गुठली के अंदर पाए जाने वाले गूदे के पाउडर को शहद के साथ मिलाकर लेने से महिलाओ में मासिक धर्म की अनियमितता में राहत मिलती है।
- महिलाओ में अगर सफेद पानी की समस्या है या महामारी के समय श्राव ज्यादा होता है तो उसे भी केला संतुलित करने में मदद करता है।
- पपीता खाने से महिलाओ का मासिक धर्म का समय चक्र ठीक बना रहता है और इस समय होने वाले दर्द में भी लाभ मिलता है।
- जिन माताओ बहनो को मासिक खुल कर नहीं आता है वे एक चम्मच पपीते के बीज के पाउडर का सेवन रात को करे इससे मासिक धर्म खुल कर आएगा।
- अगर किसी महिला को मासिक धर्म के दौरान ज्यादा रक्त स्राव हो रहा हो तो धनिए का सेवन करे लाभ मिलेगा।
- अगर महिलाओ को मासिक धर्म समय पर नहीं आते है या इस समय अक्सर गैस की दिक्कत रहती है तो काजू का सेवन करना काफी लाभदायक रहता है।
- चौलाई का सेवन करने से पीड़ा में तो आराम मिलता ही है साथ ही रक्तस्राव भी बंद हो जाता है।
- चौलाई पित्त नाशक, कफ नाशक, रक्त विकार को दूर करने वाला, गर्भाशय की वेदना को दूर करने वाला एवं शक्तिदायक गुणों से युक्त होता है।
- जिन महिलाओ को मासिक धर्म ज्यादा आता है या इस दौरान पेट में बहुत दर्द रहता है उनके लिए कच्चे सिंघाड़े खाना काफी लाभदायक होता है।
- अदरक मासिक में होने वाले दर्द को कम करने में मदद करता है।
महिलाओं में खून की कमी (Hemoglobin)

- अक्सर महिलाओ को खून की कमी की शिकायत रहती है इसको दूर करने के लिए चौलाई का साग खाना अच्छा होता है क्योकि इसमें पर्याप्त मात्रा में आयरन मौजूद होता है।
- बेल फल के सेवन से हीमोग्लोबिन की कमी पूरी हो जाती है।
- टमाटर, आंवला, गाजर, पालक, चुकंदर और हरा धनिया मिलाकर रस निकालकर पीने से “एनीमिया” के रोगियों को बहुत फायदा होता है। इसके सेवन से उनके शरीर में रक्त पर्याप्त मात्रा में बनने लगता है।
- अगर किसी को पीलिया हो तो उसे अंगूरों का सेवन करना चाहिए। इससे उसके शरीर में रक्त की पूर्ती होगी। इससे बढ़कर रोगी के लिए कोई दवा नहीं है।
- मीठे अनार का सेवन करने से शरीर में खून की कमी नहीं होती है। इसके सेवन से शरीर में खून बढ़ता है।
- जिन व्यक्तियों के खून में हीमोग्लोबिन की कमी हो उन्हे पालक का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए। इसके सेवन से बहुत जल्दी ही हीमोग्लोबिन की कमी पूरी हो जाती है।
- अगर हीमोग्लोबिन कम हो / रक्त कम बनता हो तो मूली के रस में समान मात्रा में अनार का रस मिलाकर सेवन करे लाभ मिलेगा।
- एनीमिया के रोगी को हरे धनिए की चटनी बनाकर खानी चाहिए इससे शरीर में खून अच्छी मात्रा में बनने लगेगा और शरीर में खून की कमी पूरी हो जाएगी।
- पीलिया के रोगी को गन्ने का रस पीना चाहिए इससे उसे फायदा मिलेगा।
- एनीमिया के रोगियों के लिए चुकन्दर का सेवन कच्चा या रस के रूप में करना काफी फायदेमंद रहता है।
- शिलाजीत में आयरन पर्याप्त मात्रा में होता है जिसके कारण इसके सेवन से शरीर में खून की कमी नहीं होती है।
- खजूर के सेवन से शरीर में रक्त की कमी दूर होती है।
- कुछ मुनक्के और अंजीर को दूध में उबाल कर पीने से रक्त में वृद्धि होती है साथ ही रक्त सम्बन्धी परेशानिया दूर हो जाती है।
- जिन महिलाओ को प्रसव के बाद दूध कम बनता हो उन्हे गाजर के जूस का सेवन करना चाहिए इससे दूध की मात्रा में वृद्धि होगी।
- महिलाओ को अगर प्रसव के बाद दूध कम बनता हो तो बैंगन के पत्तो की भुजिया बनाकर खाए इससे उनका दूध बढ़ने लग जाएगा।
- स्तनपान कराने वाली माताओं को भोजन में अदरक का सेवन करना चाहिए या हर्बल अदरक की चाय का सेवन अच्छा होता है।
- मेथी दाने का पानी पीना, सौंफ का पानी या सीधे सौंफ खाने से माँ को दूध अच्छे से बनने में मदद मिलती है।
- दूध का दलिया खाए।
- लिक्विड / पानी अच्छे से पिए। जो माँ अच्छे से लिक्विड लेती है उनके दूध अच्छे से बनता है।
- ब्रेस्ट मसाज भी दूध बनने में मदद करता है। बच्चे को दोनों ब्रेस्ट से दूध पिलाना चाहिए यह भी जरूरी है।
- ड्राई फ्रूट्स और साबुत अनाज (स्प्राउट्स) का सेवन करना स्तनपान कराने वाली माओ के लिए बहुत लाभदायक होता है इससे अधिक दूध बनता है।
- तिल में जिंक की मात्रा अधिक होती है, जो स्मृति ग्रंथियों में लाभ पहुँचाता है और प्रोलैक्टिन (दूध बनाना) को जारी रखने में मदद करता है जिसके परिणामस्वरूप दूध का उत्पादन अधिक होता है।
- बच्चे के जन्म के बाद जिन महिलाओ को दूध कम उतरता है उन्हे कुछ दिन तक रोज करेले की सब्जी खानी चाहिए। इससे आर्थराइटिस होने की संभावना भी खत्म हो जाती है।
- मेथी या पालक, प्याज, टमाटर, लहसुन, उबली हुई दाल का पानी, नमक, काली मिर्च का पाउडर इन सबको मिलाकर सूप बनाए और पिए यह सूप न केवल स्तन के दूध को बढ़ाता है बल्कि पाचन तंत्र को भी सुधारता है इसके सेवन से आपको भरपूर पोषण मिलेगा ।
( मेथी हार्मोनल परिवर्तनों को उत्तेजित करती है जो पाचन में मदद करके दूध की आपूर्ति को बढ़ाते है।
लहसुन भी पाचन में मदद करके दूध के उत्पादन को बढ़ाता है। यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। )
महिलाओं में बढ़ता ब्रेस्ट कैंसर और बचाव

अगर ब्रेस्ट कैंसर समय पर पकड़ में आ जाता है तो इससे बचा जा सकता है पर अगर देरी हो जाए तो जान भी जा सकती है इसलिए
महिलाओ को हमेशा हर महीने अपने ब्रेस्ट का आत्म परीक्षण (Self Examination) करना चाहिए। मासिक चक्र खत्म होने के बाद परीक्षण करने का सबसे अच्छा समय होता है।
कुछ लाइफ स्टाइल में बदलाव हमे ब्रेस्ट कैंसर होने से बचा सकते है जैसे : –
- तनाव लेने से बचे।
- सही उम्र में शादी और बच्चे पैदा करे।
- कम प्रदूषण वाले माहौल में रहने की कोशिश करे।
- मोटापे को बढ़ने ना दे, अपने वजन को नियंत्रित करके रखे।
- अपने लिए रोज थोड़ा वक्त निकाले और व्यायाम करे ताकि आपके हर अंग की, मांशपेशियों की कसरत हो सके
- फ़ास्ट फ़ूड और पैक्ड फ़ूड की बजाए हमेशा ताजा, फ्रेश खाना खाए और प्रेज़रवेटिव (Preservative) खाने से बचे।
- अल्कोहोल और धूम्रपान से बचे।
- अपने बच्चे को कम से कम 6 से 9 महीने तक स्तनपान अवश्य कराए।
स्त्रियों की अन्य हेल्थ प्रॉब्लम्स और उनके घरेलू उपाय

- पालक में फोलेट नाम का तत्व पाया जाता है जो की प्रजनन स्वास्थ्य और क्षमता को ठीक रखने में मदद करता है।
- टमाटर में लौह तत्व काफी मात्रा में पाए जाते है, जिसके कारण इसके सेवन से रक्त की कमी दूर होती है इसलिए गर्भावस्था में इसके रस का सेवन करना अच्छा होता है।
- जिन महिलाओ का गर्भाशय कमजोर है उनके लिए अंगूर का सेवन करना लाभदायक होता है।
- अगर आप चौलाई और पालक का नियमित सेवन करोगे तो आप बहुत सारे रोगो, दर्दो से बचे रहोगे आपको बुढ़ापा भी जल्दी से नहीं आएगा।
- जिन महिलाओ के गर्भाशय में सूजन हो उसे दूर करने में बेल फल मदद करता है।
- महिलाओ में ज्यादातर जो योनि रोग होते है उसका मुख्य कारण वायु होती है इसलिए ऐसी महिलाओ को बेल फल का सेवन अवश्य करना चाहिए इससे आपको काफी फायदा मिलेगा।
- शरीर में आई सूजन को कम करने में भी बेल फल काफी लाभदायक होता है। कई महिलाओ का चेहरा सफेद और सुजा हुआ सा दिखाई देता है। अगर आपको शरीर की सूजन कम करनी है और रक्त की कमी को दूर करना है तो इस फल का सेवन अवश्य करे।
- सफेद पानी निकलने की परेशानी में भी बेल फल फायदेमंद होता है।
- श्वेत प्रदर या सफेद पानी की समस्या में अंजीर के सेवन से लाभ मिलता है।
- अगर कोई महिला श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) के रोग से परेशान हो तो उसे लगभग दो हफ्तों तक थोड़ी मात्रा में (4 तोला) सुबह शाम सिंघाड़े के आटे का हलवा खाना चाहिए। इससे श्वेतप्रदर रोग में आराम मिलेगा और शरीर को भी बल मिलेगा।
- रक्त प्रदर के रोगी को सिंघाड़े के आटे की रोटी बनाकर खानी चाहिए। इस रोग में यह नुस्खा बहुत लाभकारी है।
- जिन महिलाओ को गर्भ ना ठहरता हो, गर्भाशय कमजोर हो उनके लिए नियमित रूप से सिंघाड़े के आटे का हलवा बनाकर सेवन करना लाभकारी होता है।


