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दिन में दूध पीना सही है या गलत – Is It Right or Wrong to Drink Milk During The Day

यह जानने से पहले की “दिन में दूध पीना सही है या गलत” हम कुछ और चीजे जान लेते है। आज कल की व्यस्त और तेजी से बदलती जिंदगी और जीवनशैली में अपनी सेहत का ध्यान रखना बहुत मुश्किल होता जा रहा है। हमे अपनी सेहत का ध्यान रखना बहुत जरूरी है खासकर अपने खाने पीने का, एक अच्छा आहार हमारे शरीर को ऊर्जा देता है जिससे हमारी सेहत अच्छी बनी रहती है। इसमें दूध का भी बहुत महत्व है, अक्सर हमारे बड़े दूध पीने पर जोर देते है क्योकि दूध को शक्ति का प्रतिक माना जाता है। दूध में प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन D और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व मौजूद होते है जो की हमारे शरीर को मजबूत बनाने में मदद करते है। इससे हमारी हड्डियाँ मजबूत होती हैं और त्वचा स्वस्थ रहती है। माँ और बच्चो के लिए यह एक उत्तम पोषक स्रोत होता है।Boy drinking a glass of Milk

अक्सर ये सवाल उठता है की "दिन में दूध पीना सही है या गलत"

अगर हम बच्चो की बात करे तो बच्चे सुबह, दोपहर, शाम कभी भी दूध पी सकते है, उन्हे दूध नुकसान नहीं करता पर बड़ो को दिन के समय दूध नहीं पीना चाहिए। बड़ो का रात के समय दूध पीना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है क्योकि दूध पीने से नाड़ी धीमी हो जाती है, नाड़ी के धीमा होने से नींद अच्छी आती है। अगर आप रात को दूध पिएंगे तो आपको अच्छी नींद आएगी, जिससे आपकी थकान मिटेगी। अगर कोई बड़ा व्यक्ति दिन में दूध पीता है तो नाड़ी की गति जो नार्मल 70 – 80 होती है वो कम हो सकती है। जिससे शरीर में आलस आ सकता है, जमाहिया आ सकती है। इससे बचने के लिए बड़ो को दिन में दूध ना पीकर दही, छाज, माखन आदि का सेवन करना चाहिए। अगर रात में दूध पिएंगे तो रात को नींद भी अच्छी आ जाएगी और दूध का पाचन भी अच्छा हो जायेगा। 

बच्चों को दूध कब पीना चाहिए

बच्चे सुबह, दोपहर, शाम कभी भी दूध पी सकते है क्योकि 2 – 3 साल तक के बच्चे की नाड़ी बहुत तेज़ चलती है क्योकि ह्रदय को शरीर में खून भेजने के लिए बार बार ज्यादा जोर लगाना पड़ता है। बच्चा जब पैदा होता है तो उसकी नाड़ी की गति 180 तक चली जाती है जैसे जैसे वो बड़ा होता जाता है तो 150, 140 करके धीरे धीरे कम होती जाती है। जैसे जैसे बच्चा बड़ा होता चला जाता है उसकी नाड़ी नार्मल होती चली जाती है। बच्चो के दिन में दूध पीने से उन्हे कोई दिक्कत नहीं होती है बल्कि उनकी सेहत अच्छी होती है।

बड़ों को दिन में दूध क्यों नहीं पचता है?

जो ज्यादा छोटे बच्चे होते है वो खाली दूध ही पीते है इसलिए दूध उन्हे आराम से पच्च जाता है। दूध उन्हे बदहजमी नहीं करता है पर बड़े लोग दिन में कई तरह की चीजों का सेवन करते है। जब उनके साथ दूध पीया जाता है तो बदहजमी, गैस जैसी दिक्क़ते आ जाती है। दिन में अगर कभी दूध की ठंडाई पीनी हो या दूध से बना कोई पेय पीना हो तो कभी कभी पिया जा सकता है, दूध से बनी मिठाई भी कभी कभी खाई जा सकती है, बस खाली दूध जो धीमे धीमे पचने के लिए आराम मांगता है उसे ना पिए।

छोटे बच्चों के मुँह से फटा हुआ दूध निकालना सही या गलत?​

आपने देखा होगा छोटे बच्चे कभी कभी फटा हुआ दूध मुँह से बाहर निकालते है जिसका मतलब होता है की दूध ठीक से पच रहा है पर अगर दूध ही बाहर निकालते है तो उसका मतलब होता है की बच्चे को कब्ज़ की दिक्कत हो रही है तो इस समय माँ को बच्चे की पिण्डलियों की मालिश करनी चाहिए जिससे उसे आराम मिलता है और दूध पचने में सहायता मिलती है।

अगर बड़ो को दूध नहीं पचता है तो उन्हे गैस बनने लग जाती है, खट्टा पानी मुँह में आने लग जाता है, कभी कभी दस्त भी लग जाते है, पर अगर आपको दूध आराम से पच रहा है और सुबह पेट अच्छे से साफ हो रहा है तो पीने में कोई दिक्कत नहीं है।

कुछ लोग कहते है की 30 – 35 की उम्र के बाद दूध नहीं पीना चाहिए क्योकि शरीर में पाचक रस नहीं बनते है या कम बनते है उनकी बात कुछ हद तक ठीक है पर जो लोग शुरू से ही दूध पी रहे है उनको दूध पचता रहता है। 

ध्यान दें: 

ऊपर दी गई जानकारी केवल सामान्य सलाह और जानकारी के उद्देश्य से दी गई है इसलिए मरीज सेहत संबंधित किसी भी समस्या के लिए किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह अवश्य ले।

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