आज कल दिल की बीमारी एक आम बीमारी की तरह अपनी जड़े जमाती जा रही है। जहाँ पहले दिल की बीमारी ज्यादातर 40 से अधिक उम्र वाले लोगो में ही देखने को मिलती थी अब छोटे छोटे बच्चे भी दिल की बीमारी से ग्रसित दिखाई दे रहे है। दिल की बीमारी बच्चों में तेजी से फैलती जा रही है। इसका मुख्य कारण आजकल का खान पान, शारीरिक व्यायाम या शारीरिक गतिविधि का ना होना, देर रात तक जगे रहना, पूरी नींद ना लेना, मोटापा और प्रदूषित पर्यावरण आदि है। इस लेख के माध्यम से हम बच्चों में दिल की बीमारी क्यों बढ़ रही है? के कारण और उनके समाधान के बारे में जानेंगे।
बच्चों में दिल की बीमारी बढ़ने के कारण

गलत खान पान
आज कल बच्चे घर के खाने की बजाए बाहर का खाना खाना ज्यादा पसंद करते है, जो की बहुत तेल और मसाले वाला होता है। फास्ट फ़ूड और प्रोसेस्ड फूड में काफी अधिक मात्रा में फैट और शुगर होता है जिससे मोटापा बढ़ता है, जो आगे ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियों का कारण बन जाता है।
शारीरिक गतिविधि और व्यायाम की कमी
आजकल बच्चे बाहर खेलने कूदने की बजाए घर पर ही फोन और टीवी देखना ज्यादा पसंद करते है, इससे उनकी आंखे तो कमजोर होती ही है साथ ही उनके स्वास्थ पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है। व्यायाम और किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधि ना होने से दिल कमजोर होता जाता है, जिसके कारण आजकल बच्चों में भी हार्ट अटैक देखने को मिल रहा है।
मोटापा बढ़ना
बाहर का तला मसालेदार फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड खाने की वजह से, साथ ही साथ शारीरिक गतिविधि कम होने की वजह से बच्चों में मोटापा काफी ज्यादा देखा जाने लगा है, जिसका सीधा बुरा असर बच्चे की सेहत और दिल पर पड़ता है।
मानसिक तनाव का बढ़ना
आजकल हर माता पिता अपने बेटे को सबसे आगे, सबसे ऊंची पोस्ट पर देखना चाहते है। हर कोई अपने बच्चो को हमेशा नंबर 1 पर ही देखना चाहता है। जिसकी वजह से वे बच्चो पर तरह तरह से प्रेशर देते है, जिसके कारण बच्चे तनाव से ग्रसित हो जाते है और तनाव बच्चो के हार्मोनस में असंतुलन पैदा कर देता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
वंशानुगत कारण
अगर दिल की बीमारी माता पिता या उनके परिवार में किसी को है या कभी रही है तो बच्चे में भी दिल की बीमारी होने का खतरा बना रहता है।
प्रदूषित पर्यावरण
पृथ्वी पर प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है, जहरीले रसायन और गैस के कारण साँस लेना भी मुश्किल हो रहा है इसके साथ ही जहरीला, रसायन युक्त मिलावटी खाना खाने से दिल की बीमारियों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
बच्चों को दिल की बीमारियों से बचाने के समाधान / उपाय

घर का बना पौष्टिक खाना दें
बच्चों को बाहर का बना ज्यादा तेल / मसालेदार खाना, जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड खाने को ना या बहुत कम दे। इसकी जगह घर का बना पौष्टिक खाना, हरी सब्जियाँ, सूखे मेवे, साबुत अनाज के स्प्राउट्स आदि खाने को दे ताकि बच्चे का शरीर अंदर से मजबूत बने, उसका इम्युनिटी सिस्टम मजबूत हो और वह बीमारियों से बचा रहे।
खेल कूद और व्यायाम करना है जरूरी
बच्चों को घर में टीवी या मोबाइल देखने की बजाए बाहर खेलने के लिए प्रोत्साहित करे ताकि उसके शरीर की अच्छे से मूवमेंट हो सके। उसे बाहर के खेल जैसे साइकिल चलाना, स्विमिंग करना या क्रिकेट आदि खेल खेलने के लिए बोले। सुबह अपने साथ मिलकर बच्चो को व्यायाम या योगा कराए। इससे बच्चे के शरीर में लचीलापन आएगा, उसका ह्रदय स्वस्थ रहेगा।
मोटापे से बचाव करे
बच्चो को मोटापे से बचाने के लिए बाहर के बने खाने, जंक फूड, अधिक तेल में बने मसालेदार खाने से दूर रखे, उन्हे घर के बने पौष्टिक खाने की आदत डाले, रोज व्यायाम और योगा कराए।
मानसिक तनाव को कम करे
बच्चों पर पढ़ने या अच्छे नंबर लाने के लिए किसी भी प्रकार का दवाब ना बनाए, ऐसा कोई भी काम ना करे जिससे बच्चे को किसी भी प्रकार का मानसिक तनाव हो। बच्चे को उसके मन का काम जैसे ड्राइंग, म्यूजिकआदि करने दे।
नियमित हेल्थ चेकअप
वैसे तो बच्चे का हमेशा साल में कम से कम एक बार पूरे शरीर का हेल्थ चेकअप अवश्य होना चाहिए पर अगर परिवार में किसी को भी दिल से जुडी कोई भी बीमारी रही हो तो बच्चे का हेल्थ चेकअप अवश्य करवाना चाहिए।
पर्याप्त नींद दिलाए
बच्चो को कम से कम 8 – 9 घंटे की नींद अवश्य लेनी चाहिए ताकि उनके दिल का स्वास्थ अच्छा बना रहे।
बच्चों को पर्याप्त मात्रा में लिक्विड पिलाएँ
बच्चे अक्सर पूरे दिन में बहुत कम मात्रा में पानी पीते है जोकि अच्छी बात नहीं है। पानी बच्चे के शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है जोकि ह्रदय के लिए भी लाभकारी होता है। बच्चों को पानी के साथ साथ अन्य लिक्विड जैसे नारियल पानी, छाज आदि भी पिलाए।
बच्चो को धूम्रपान और प्रदूषण से बचाए
अगर आपके घर में या बाहर कोई धूम्रपान करता है तो बच्चों को उनसे दूर रखे साथ ही कम प्रदूषण वाली जगह या शहर में रहने की कोशिश करे। इससे बच्चे के दिल को स्वस्थ रखने में मदद मिलेगी।
