महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर काफी देखने को मिल रहा है। इस लेख के माध्यम से ब्रेस्ट कैंसर: इसके कारण, शुरुआती लक्षण और बचाव के प्रभावी उपायों के बारे में जाने। ब्रेस्ट में दर्द या किसी प्रकार का रिसाव का मतलब कैंसर नहीं होता है। कई और ब्रेस्ट के रोग है जिनकी वजह से दर्द हो सकता है जैसे की अक्सर मासिक धर्म के समय पर महिलाओ को ब्रेस्ट में दर्द होता है जो की कैंसर नहीं है पर किसी भी लक्षण को नजरअंदाज ना करे और दर्द को कैंसर समझकर घबराए भी नहीं। कैंसर में दर्द बहुत बाद में शुरू होता है। शुरुवाती स्टेज में दर्द नहीं होता है ज्यादातर वो किसी और कारण से ही होता है। अगर आप सही समय पर ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों को पहचान लेंगे तो बचाव के तरीकों को अपनाकर आप अपना जीवन बचा सकते हो। इस लेख को पढ़े और जागरूक बने।
ब्रेस्ट कैंसर होने के कारण - Causes of Breast Cancer
शहरों में रहने वाली महिलाओ में 25 में से 1 को ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है पर गाँव में रहने वाली महिलाओ में बहुत कम ही महिलाओ को ब्रेस्ट कैंसर होता है कारण हमारा लाइफ स्टाइल इसलिए हमे अपने लाइफ स्टाइल को बदलने की जरूरत है। ब्रेस्ट कैंसर के कई कारण हो सकते है जैसे :-
- हमारी जीवन शैली में बदलाव, लाइफ स्टाइल में बदलाव इसके कारण है जिसकी वजह से भारत की महिलाओ में अब ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर के रोग देखने को मिल रहे हैं वरना यह रोग भारत में नहीं था।
- शारीरिक काम या रोज व्यायाम ना करना ब्रेस्ट कैंसर होने का बहुत बढ़ा कारण है।
- मोटापा भी ब्रेस्ट कैंसर का कारण बन सकता है।

- फ्रेश फ़ूड का कम मात्रा में सेवन करना और फ़ास्ट फ़ूड / प्रोसेस फ़ूड का ज्यादा मात्रा में सेवन करना जिसमें बहुत ज्यादा प्रेज़रवेटिव (Preservative) रहते है ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ाने के लिए उतरदायी होते है।

- जो महिलाएं अधिक उम्र की होती है उन्हे ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा होता है।
- जिन महिलाओ के बच्चे नहीं है या कम है उनके लिए भी खतरा बना रहता है।
- भारत में देखा गया है की महिलाएं बाहर काम करने लगी है जिसकी वजह से अब शादी काफी देर से या अधिक उम्र में करने लगी है और अगर जल्दी शादी कर भी लेती है तो बच्चा पैदा जल्दी नहीं करना चाहती है। अधिक उम्र में शादी करना और अधिक उम्र में बच्चा पैदा करना यह भी ब्रेस्ट कैंसर होने का एक कारण है।
- कई बार यह भी देखने को मिलता है की महिलाएं अपने बच्चे को स्तनपान नहीं करवाती है या बहुत कम करवाती है ऐसी महिलाओ को भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा रहता है।

- अगर आपके परिवार में किसी को कैंसर हुआ हो तो भी आपको होने का खतरा बढ़ जाता है इसलिए समय समय पर चेकअप करवाते रहना चाहिए।
- अल्कोहोल और धूम्रपान का ज्यादा सेवन, तनाव ज्यादा लेना, प्रदूषण आदि भी कैंसर के खतरे को बढ़ाते है।
ब्रेस्ट कैंसर के जल्दी दिखाई देने वाले लक्षण क्या है?
जब ब्रेस्ट कैंसर की शुरुवात होती है तो कोई लक्षण दिखाई नहीं देते है जब तक लक्षण दिखाई देते है तब तक कैंसर स्टेज 2 या 3 पर पहुंच जाता है पर जो ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण होते है उनमें प्रमुख रूप से है। 
- स्तन में गाँठ आना जोकि ठोस (Hard) होती है और जो हिलती नहीं है, शुरू में यह दर्द नहीं करती है जिसके कारण अक्सर महिलाएं इसे नजरअंदाज कर देती है पर कुछ समय बाद इसमें दर्द होना शुरू हो जाता है।
- कभी कभी निप्पल से सफेद, हरा या लाल रंग का पानी निकलने लगता है। इसका मतलब यह नहीं है की कैंसर है पर अगर ऐसा होता है तो भी हमे चिकित्सक को अवश्य दिखाना चाहिए।
- कभी कभी निप्पल्स के आकर में बदलाव आ जाता है। निप्पल अंदर की तरफ चले जाते है जो की ब्रेस्ट कैंसर का एक लक्षण हो सकता है।
- ब्रेस्ट या निप्पल की त्वचा का रंग बदला नजर आने लग जाता है पर यह असर काफी आगे की स्टेज में नजर आता है।
अगर ब्रेस्ट कैंसर समय पर पकड़ में आ जाता है तो इससे बचा जा सकता है पर अगर देरी हो जाए तो जान भी जा सकती है इसलिए
- हमे हमेशा सतर्क रहना चाहिए जागरूक रहना चाहिए।
- महिलाओ को हमेशा हर महीने अपने ब्रेस्ट का आत्म परीक्षण (Self Examination) करना चाहिए। मासिक चक्र खत्म होने के बाद परीक्षण करने का सबसे अच्छा समय होता है।
ब्रेस्ट का आत्म परीक्षण (Self Examination) कब करना चाहिए?
- मासिक चक्र खत्म होने के
बाद ब्रेस्ट परीक्षण करने का सबसे अच्छा समय होता है क्योकि कई बार मासिक धर्म से पहले कई महिलाओ को गाँठ सी महसूस हो सकती है पर वो मासिक चक्र ख़त्म होने के बाद खुद ही ठीक हो जाती है इसलिए जब भी ब्रेस्ट का आत्म परीक्षण करे मासिक चक्र खत्म होने के बाद करे। - 40 की उम्र के बाद हर 2 – 3 साल में स्तन की मैमोग्राफी (Mammography) करवानी चाहिए ताकि समय पर कैंसर का पता चल सके और समय पर इलाज शुरू हो सके।
ब्रेस्ट का आत्म परीक्षण (Self Examination) कैसे करे?
- आइने के सामने खड़े
होकर दोनों स्तनों का आकर देखना है। - दोनों हाथो से चेक करके देखना है की कही कोई गाँठ तो नहीं है, कोई बदलाव तो नहीं है।
- अगर कोई भी बदलाव नजर आए जैसे
- दोनों स्तनों के आकर में फर्क
- गाँठ महसूस होना
- निप्पल से रसाव होना
- निप्पल के आकर में अंतर
- स्तनों या निप्पल के रंग में अंतर आदि
अगर कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत चिकित्सक के पास जाए।
- 40 की उम्र से कम होते है तो डॉक्टर सोनोग्राफी (Sonography) करवाते है, जिससे गाँठ का पता चलता है और अगर
- 40 से ज्यादा उम्र होती है तो डॉक्टर मैमोग्राफी (Mammography) करने को कहते है जिससे स्तन के कैंसर का पता चलता है।
कुछ लाइफ स्टाइल में बदलाव हमे ब्रेस्ट कैंसर होने से बचा सकते है जैसे : -
- अपने लिए रोज थोड़ा वक्त निकाले और व्यायाम करे ताकि आपके हर अंग की, मांशपेशियों की कसरत हो सके, उनमें अकड़न ना आए वो सुचारु रूप से काम कर सके, शरीर में खून का बहाव ठीक से हो सके।

- मोटापे को बढ़ने ना दे, अपने वजन को नियंत्रित करके रखे वैसे अगर आप रोज व्यायाम करोगे तो आपका वजन नियंत्रित रहेगा।
- फ़ास्ट फ़ूड और पैक्ड फ़ूड की बजाए हमेशा ताजा, फ्रेश खाना खाए और प्रेज़रवेटिव (Preservative) खाने से बचे।
- सही उम्र में शादी और बच्चे पैदा करे।
- अपने बच्चे को कम से कम 6 से 9 महीने तक स्तनपान अवश्य कराए।
- कम प्रदूषण वाले माहौल में रहने की कोशिश करे।
- तनाव लेने से बचे।
- अल्कोहोल और धूम्रपान से बचे।
इन से ब्रेस्ट कैंसर नहीं होता है
- गलत प्रकार की या अंडरवायर्ड ब्रा पहनने से ब्रेस्ट कैंसर नहीं होता है।
- डिओडोरेंट (Deodorant) के प्रयोग से ब्रेस्ट कैंसर नहीं होता है।
- हेयर डाई के प्रयोग से भी ब्रेस्ट कैंसर नहीं होता है।
मैं आशा करता हूँ की “ब्रेस्ट कैंसर: इसके कारण, शुरुआती लक्षण और बचाव” पोस्ट आपके काम की होगी और आपको पसंद आई होगी।
धन्यवाद!
