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महिलाओं की सेहत सुधारने वाले 7 महत्वपूर्ण योग आसन – 7 Important Yoga Asanas That Improve Women’s Health

इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से महिलाओं की सेहत सुधारने वाले 7 महत्वपूर्ण योग आसन बताए गए है जिन्हे नियमित रूप से करने से महिलाएं अपनी सेहत अच्छी बनाए रख सकती है जैसा की हम सब जानते है की  महिलाएं समाज के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। घर हो या बाहर हर जगह उनका योगदान प्रशंसनीय है। सुबह से लेकर शाम तक कभी माँ की, बेटी की, बहु की, बहन की, बाहर काम करती है तो वहा पर काम करने वाली एक एम्प्लॉय जैसी ना जाने कितनी तरह की भूमिका निभाती है। ऐसे में उन्हे अपने स्वास्थ को लेकर सचेत रहना बहुत जरूरी है क्योकि जब शरीर स्वस्थ रहेगा तभी वे इन जिम्मेवारियों को अच्छे ढंग से पूरा कर पाएंगी। महिलाएं स्वस्थ रहे इसीलिए आज हम यह लेख लेकर आये है जिसका नाम है “महिलाओं की सेहत सुधारने वाले 7 महत्वपूर्ण योग आसन” इस लेख में हमने महिलाओ के लिए 7 आसन बताए है जिनको नियमित रूप से करने से आप अपने शरीर को स्वस्थ, ऊर्जावान बनाए रख सकती हो। इस लेख में हम उन आसनों के बारे में बताएंगे जो महिलाओं की शारीरिक समस्याओं को दूर करने, मानसिक स्थिति को सुधारने, और उनके जीवन को स्वस्थ और सुखमय बनाने में मदद कर सकते हैं।Yoga se hoga - Happy Women's

महिलाओं की सेहत सुधारने वाले 7 महत्वपूर्ण योग आसन | Important Yogasan for Women's Health

अनुलोम-विलोम (Anulom-Vilom) के फायदे

  • नियमित रूप से अनुलोम-विलोम करने से आपको अच्छी नींद आएगी जिससे आप अपने आपको नई ताजगी से भरा महसूस करोगे और अपने रोज के दायित्वों को बहुत अच्छे से निभा पाओगे।
  • अगर किसी को माइग्रेन की दिक्कत है तो उसे इस आसान को रोज अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए इससे आपको माइग्रेन के दर्द से छुटकारा मिल जाएगा।
  • इसको करने से तनाव को कम करने में मदद मिलती है।
  • अनुलोम-विलोम नियमित रूप से करके आप अपने मूड को बेहतर बनाए रख सकते हो।
  • इसको करने से हमारी त्वचा को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है जिससे त्वचा पर निखार और चमक आ जाती है।
  • इसको रोज करके अपने क्रोध को नियंत्रित किया जा सकता है।अनुलोम-विलोम (Anulom-Vilom) के फायदे
  • मस्तिष्क को मजबूत करने, स्मरण शक्ति को बढ़ाने में नियमित रूप से अनुलोम-विलोम करना बहुत लाभकारी होता है।
  • ध्यान साधना करने वालो या इसमें रूचि रखने वालो के लिए अनुलोम-विलोम करना बहुत ही फायदेमंद रहता है।
  • इसको करने से एकाग्रता को बढ़ाने और मन को स्थिर रखने में मदद मिलती है।
  • इस योग को करने से रक्त को शुद्ध करने में मदद मिलती है साथ ही रक्त का शरीर में प्रवाह सुचारु रूप से होता है ।
  • इसको नियमित रूप से करने से दमा रोग से बचा जा सकता है।
  • इसको करने से ह्रदय को मजबूती मिलती है साथ ही अनुलोम-विलोम धमनियों को सुकड़ने से बचाता है।
  • पाचन तंत्र को मजबूत करने में अनुलोम-विलोम बहुत लाभकारी होता है।
  • अनुलोम-विलोम रक्तचाप को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है।

भस्त्रिका प्राणायाम (Bhastrika Pranayama) के फायदे

  • भस्त्रिका प्राणायाम को करने से रक्तचाप को सामान्य बनाए रखने में मदद मिलती है।
  • नियमित रूप से इसको करने से शरीर में रक्त का प्रवाह अच्छे से होने लगता है। जिससे आपके चेहरे पर चमक आ जाती है।
  • भस्त्रिका प्राणायाम को करने से आप अपने वजन को कम व वजन को नियंत्रित कर पाओगे।
  • इसको करने से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है जिससे आप अपने रोज के काम को बहुत अच्छे से कर पाने में सक्षम होते है। 
  • इसको करने से पाचन तंत्र को मजबूती मिलती है। भस्त्रिका प्राणायाम (Bhastrika Pranayama) के फायदे​
  • अगर आप रोज नियमित रूप से भस्त्रिका प्राणायाम करते हो तो आपके शरीर व मस्तिष्क को आराम मिलेगा, आप तनाव व चिंता के स्तर को कम कर पाओगे।
  • इसको करने से आपके फेफड़े और ह्रदय को मजबूती मिलती है जिससे वे अच्छे से कार्य कर पाते है और आपका स्वास्थ अच्छा बना रहता है।
  • भस्त्रिका प्राणायाम को करने से फेफड़े मजबूत होते है इस प्राणायाम को करके आप दमा जैसी बीमारियों से अपने आप को बचा सकते हो।  
  • इसको करने से आपको शरीर में, फेफड़ो में जमे अतिरिक्त कफ को बाहर निकालने में मदद मिलती है

ध्यान दे :

  • भस्त्रिका प्राणायाम खाली पेट ही करना अच्छा होता है।
  • .गर्भवती महिला को भस्त्रिका प्राणायाम नहीं करना चाहिए। 
  • अगर आपको अपनी तबियत ठीक नहीं लग रही हो तो इस आसन को ना करे।
  • शुरू में इस आसान को ज्यादा देर तक ना करे धीरे धीरे ही आसन करने का समय बढ़ाए।
  • अगर आपका रक्तचाप ठीक ना रहता हो तो किसी विशेषज्ञ के निरीक्षण में ही इस आसन को करे।

विपरीतकर्णी (Viparitkarni) आसन के फायदे

अक्सर महिलाएं रसोई में खाना बनाते समय, ऑफिस में काम करते समय खड़ी या बैठी रहती है। इससे उनके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन कमजोर पड़ जाता है। जिसके कारण दर्द शुरू हो जाता है। इस आसन को करने से आपको कई फायदे होंगे जैसे –

  • विपरीतकर्णी आसन को करने से हमारे पैरों पर पूरे दिन जो दवाब पड़ता है वह कम हो जाता है साथ ही ब्लड सरकुलेशन अच्छा हो जाता है।विपरीतकर्णी (Viparitkarni) आसन के फायदे​
  • इस आसन को नियमित रूप से करने पर शरीर के दर्द, कमर दर्द, पैर दर्द ठीक हो जाते है। 
  • इसको करने से गर्भाशय में खून का संचार ठीक प्रकार से हो जाता है, जिससे प्रजनन अंगों की कार्य क्षमता में सुधार होता है।
  • कमर के ऊपर के अंगों में भी इस आसन को करने से लाभ मिलता है। इसको करने से चेहरे के मसल्स, नाक, कान, आंखों में भी अच्छा प्रभाव देखने को मिलता है।
  • इसको करने से आपकी इम्यूनिटी अच्छी हो जाएगी।
  • पेट का स्वास्थ ठीक हो जाएगा। जिससे पेट में कब्ज की शिकायत नहीं होगी। 
  • आपको अगर कोई मूत्र सम्बन्धी विकार है तो वो दूर हो जाएगा। 
  • इस आसन को करते समय सिर नीचे की तरफ होता है, जिससे आपके सिर में खून का बहाव अच्छे से होता है। इसका लाभ यह होगा की आपके सिर दर्द (माइग्रेन) में आराम मिलेगा, आपको नींद अच्छे से आएगी।

ध्यान दे

  • पीरियड्स और प्रेग्नेंसी के दौरान इस आसन को ना करें।
  • अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर या हर्निया की दिक्कत है तो आपको इस आसन को नहीं करना चाहिए।

भद्रासन (Bhadrasana) के फायदे

  • महिलाओ को पीरियड्स (मासिक धर्म) के समय में जो दर्द होता है, शरीर में जो खिंचाव आता है उससे छुटकारा पाने में यह आसन बहुत लाभदायक है। इस समय भद्रासन करने से दर्द में कमी आती है। 
  • दिमाग को शांत रखने में, रोज के तनाव को दूर करने में यह आसन बहुत लाभकारी है। 
  • भद्रासन करते समय जांघों की मांसपेशियों में खिंचाव आता है। जिसके कारण पेल्विक और कमर की मांसपेशिया मजबूत हो जाती है। 
  • इस आसन को करने से आपकी प्रजनन शक्ति बढ़ेगी।भद्रासन (Bhadrasana) के फायदे ​
  • गर्भावस्था के दौरान यह बहुत ही अच्छा आसन है क्योंकि इसको करने से हिप के जोड़ों की जकड़न दूर हो जाती है जिसके कारण डिलीवरी आराम से हो जाती है।
  • इसको करने से आपकी एकाग्रता बढ़ेगी और उम्र बढ़ने के साथ जो याददाश्त कमजोर पड जाती है उससे बचाव होगा।
  • इस आसन को करने से आपका खाना अच्छे से पचेगा। आपकी पाचन शक्ति अच्छी हो जाएगी, जिसके कारण पेट की समस्याओ से मुक्ति मिलेगी।

पर्यंकासन (Paryankasana) के फायदे

पर्यंकासन (Paryankasana)  का लाभ पूरे शरीर को मिलता है क्योकि इस आसन को करते समय सिर से लेकर पाँव तक के सभी अंगो में खिंचाव होता है।

  • महिलाओं में पेट निकलने की समस्या सबसे ज्यादा पाई जाती है। इस आसन को नियमित करने से पेट फूलने की समस्या समाप्त हो जाएगी।
  • पेट की मासपेशियो में खिंचाव होने के कारण पाचन शक्ति बहुत अच्छी हो जाती है। 
  • पीरियड्स के दर्द से राहत पाने के लिए भी यह आसन बहुत अच्छा है। पर्यंकासन (Paryankasana) के फायदे ​
  • यह आसन रीड के निचले हिस्से और पेट की मांसपेशियों के तनाव को कम कर देता है।
  • पीरियड्स के कुछ दिन पहले से जो अकड़न पेट के निचले भाग और कमर में होती है इस आसन को करने से उसमें आराम मिलता है। 
  • इसको करने से शारीरिक और मानसिक तनाव कम हो जाता है।
  • पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलने के कारण फेफड़े मजबूत हो जाते है। 

ध्यान दे

घुटनों में अगर अधिक दर्द या सूजन है तो इस आसन को ना करें।

मत्स्यासन (Matsyasana) के फायदे

  • महिलाओं को अपने मेटाबॉलिज्म और इम्यूनिटी सिस्टम को सुधारने के लिए मत्स्यासन (Matsyasana) अवश्य करना चाहिए। 
  • यह आसन हमारे पैरों के तलवो, घुटने, कमर के दर्द को दूर करने में बहुत मदद करता है। 
  • मत्स्यासन हमारे पेल्विक अंगों के विकारों को दूर करने में बहुत मदद करता है। 
  • यह आसन हर व्यक्ति को रोज करना चाहिए। 
  • इसको करने से महिलाओ का शरीर लचीला तो होता ही है इसके साथ ही मासिक धर्म के समय पेट की ऐठन और इससे सम्बंधित समस्याओ में भी फायदा होता है। मत्स्यासन (Matsyasana) के फायदे ​
  • मत्स्यासन नियमित रूप से करने से पेट और जांघो की चर्बी कम होने लगती है। जिससे आपका मोटापा कम होने लगता है, क्योकि इस आसन को करते समय पेट और जांघो की मांसपेशियों में खिचाव आता है और मेटाबॉलिज़्म में सुधार होता है इसलिए जिनका मोटापा या शरीर में चर्बी ज्यादा है और आप उसे कम करना चाहते है तो इस आसन को अपनी दिनचर्या में अवश्य डाल ले। 
  • इस आसन को करते समय कमर से ऊपर वाला हिस्सा जैसे रीढ़ की हड्डी, छाती में और उसके आस पास की मांसपेशियों में भी खिचाव आता है। जिससे साँस की समस्या में फायदा होता है और रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।

हस्तपादांगुष्ठासन (Hastapadangushthasana) के फायदे

  • इस आसन को करने से हमारे पैरों के पिछले भाग की जकड़न पूरी तरह से ठीक हो जाती है। लंबे समय तक खड़े रहने के कारण पैर जकड़ जाते हैं। जिनको इस आसन की सहायता से दूर किया जा सकता है। 
  • इस आसन को रोज करना चाहिए ताकि आपके पैर की मांसपेशियां मजबूत बनी रहे। 
  • इस आसन को करने से हाथ, पैर, पेट, पीठ की मांसपेशियो को काफी मजबूती मिल जाती है और यह तनाव मुक्त हो जाती है।हस्तपादांगुष्ठासन (Hastapadangushthasana) के फायदे ​
  • हस्तपादांगुष्ठासन करने से शरीर में ब्लड का बहाव बढ़ जाता है। 
  • शरीर के वजन को घटाने में भी यह आसन बहुत लाभकारी है।
  • इससे पाचन तंत्र और प्रजनन तंत्र भी सही ढंग से काम करने लगते हैं। 
  • इस आसन को करने से महिलाओ की पुनः प्रजनन क्षमता बढ़ती है 
  • इसको करने से मासिक धर्म से संबंधित सभी परेशानियों से निजात मिलती है। 
  • अगर आपको अपनी ध्यान लगाने की क्षमता को बढ़ाना है तो यह आसन आपके लिए बहुत लाभकारी है।

निष्कर्ष :

महिलाओं की अच्छी सेहत के लिए योग बहुत ही प्रभावी और प्राकृतिक उपाय है। ब्लॉग पोस्ट में बताए गए महिलाओं की सेहत सुधारने वाले 7 महत्वपूर्ण योग आसन न सिर्फ शरीर को मजबूत और लचीला बनाएंगे, बल्कि मानसिक शांति और संतुलन भी प्रदान करेंगे। रोज इन योगा आसनों का अभ्यास करने से महिलाएं तनाव को कम कर पाएंगी, हार्मोनस का संतुलन बनाए रखने में समर्थ होंगी साथ ही संपूर्ण शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बना पाएंगी। इन आसनों को अपनी दिनचर्या में शामिल कर महिलाएं लंबे समय तक सेहतमंद और ऊर्जावान बने रह सकती हैं।

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