त्रिफला के रहस्यमय गुण और स्वास्थ्य लाभ के बारे में यह ब्लॉग पोस्ट आयुर्वेद की इस अद्भुत औषधि के फायदों और लाभों को उजागर करता है। त्रिफला आंवला, बहेड़ा और हरड़ का मिश्रण होता है, जो पाचन तंत्र को सुधारने, शरीर को डिटॉक्स करने और इम्यूनिटी बढ़ाने में बेहद प्रभावी होता है। यह कब्ज, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याओं को दूर करने के साथ-साथ मेटाबोलिज्म (Metabolism) को बढ़ाकर वजन घटाने में भी मदद करता है।
इस ब्लॉग पोस्ट में कई सवालों के जवाब आपको मिलेंगे जैसे की :-
त्रिफला क्या है?
त्रिफला घर पर कैसे बनाए?
त्रिफला के स्वास्थ्य लाभ क्या है?
त्रिफला का उपयोग कैसे और कब करना चाहिए?
त्रिफला सेवन के नियम क्या है?
त्रिफला का सेवन किसे और कब नहीं करना चाहिए?
त्रिफला का सेवन किन रूपों में किया जा सकता है?
त्रिफला का सेवन करते समय क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए? आदि
त्रिफला क्या है?
वात, पित्त और कफ नाशक ऐसी कोई चीज मिलना बहुत मुश्किल है। संसार में कई ऐसी चीजे है जो वात का नाश करती है, कोई पित्त का पर कोई तीनो दोषो वात, पित्त, कफ का नाश कर दे ये गुण एक ही चीज में मिलना बहुत मुश्किल है जो इन तीनो दोषो को ठीक कर सकती है वो है –
1). आँवला
2). हरड़
3). बहेड़ा
इन तीनो को मिलाकर बनता है त्रिफला जो इन तीनो दोषो को ठीक करने में सक्षम है। इसका इस्तेमाल करते समय इसकी मात्रा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
त्रिफला घर पर कैसे बनाए?
अगर आप त्रिफला बना रहे हो तो हरड़ लेना 100g, बहेड़ा 200g और आँवला 300g यानी 1 : 2 : 3 के अनुपात में लेना है। इन तीनो को मिलाकर चूरन बनाकर इस्तेमाल करना है।
त्रिफला का उपयोग कैसे और कब करें?
त्रिफला सेवन के 2 नियम होते है
1) सुबह लेना
सुबह अगर त्रिफला खाए तो गुड़ या शहद के साथ खाएं। अगर आप इसे सुबह खाते हैं तो यह आपको पोषण देगा, आपके शरीर को जिस विटामिन और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की जरूरत होगी उसकी यह पूर्ति करेगा।
2) शाम / रात को लेना
रात को खाएं तो दूध या पानी के साथ खाएं। रात को अगर आप खाएंगे तो यह आपके शरीर की गंदगी को साफ करेगा आपके पेट की बड़ी आँत को साफ करने का काम करेगा। यह कब्जियत को मिटा देगा।
दोनों तरह से त्रिफला लेने से परिणाम अलग-अलग होंगे। अगर आपको लगता है कि कोई बीमारी है तो इसका सेवन रात में करें और अगर लगता है कि आप स्वस्थ हैं तो सुबह इसका प्रयोग करें। अगर अकेला आंवला, बहेड़ा या हरड़ का भी आप सेवन करते हैं तो यह तीनों अकेले भी तीनों दोषों (वात, पित्त, कफ ) को नष्ट करने में सक्षम है।
आंवला आप रोज, साल भर खा सकते हो पर अगर आप त्रिफला खा रहे हो तो 3 महीने लगातार खाकर 20 से 25 दिन छोड़ दें नहीं तो शरीर को आदत लग जाती है। अगर आप लगातार त्रिफला का इस्तेमाल करते रहोगे बीच में छोड़ोगे नहीं तो इसके दुष्परिणाम भी हो सकते हैं।
त्रिफला के स्वास्थ्य लाभ क्या है?
- त्रिफला कब्ज और गैस को दूर करता है।
- यह पाचन को ठीक करता है।
- यह लीवर को ताकत देता है।
- बालों के लिए भी यह बहुत अच्छा है इसके सेवन से बालों का गिरना कम होता है, बालों का स्वास्थ और बालो की मात्रा (वॉल्यूम) दोनों में फायदा होता है।

- अगर आपका वजन (माँस) बड़ा हुआ है तो त्रिफला का सेवन करें, आप इसे सुबह खाएं। त्रिफला नहीं खाना है तो खाली आंवला भी खा सकते हो 3 – 4 आंवले रोज या मुरब्बा खा ले, आंवले का अचार, चटनी बनाकर खाने से भी लाभ मिलेगा वजन कम होगा खासकर पेट का या पेट के आसपास का।
- जिनको वजन कम करना है वे 3 से 4 आँवला खाए और अगर त्रिफला खाए तो एक बड़ा चम्मच खा सकते हैं। बाजार से त्रिफला लाने के बजाए घर पर ही तीनों को लाकर खुद बनाएं तो ज्यादा असर मिलेगा।
- त्रिफला पाउडर त्वचा के स्वास्थ को भी अच्छा करता है।
- इसके सेवन से चेहरे के पिंपल्स दूर हो जाते है।
- त्रिफला को आंखों के लिए टॉनिक कहा गया है।
- यह डायबिटीज / मधुमेह होने से बचाता है।
- शरीर में जितनी भी बीमारियां होती है वह ज्यादातर पेट की गड़बड़ी से ही शुरू होती है इसलिए हमें अपने पेट को ठीक रखने की जरूरत होती है। त्रिफला पेट की सेहत के लिए बहुत ही अच्छा होता है क्योंकि यह पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है इसलिए अगर आप ठीक भी हैं तब भी त्रिफला का सेवन थोड़े थोड़े समय के लिए करते रहना चाहिए।
- त्रिफला मोतियाबिंद की बीमारियों को कम करता है इसके सेवन से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
- त्रिफला दांतो के लिए बहुत अच्छा होता है इसके सेवन से मसूड़ों की सूजन ठीक होती है।
- त्रिफला के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है शरीर को बीमार होने से बचाता है।

- त्रिफला के पानी से कुल्ला करने से मुंह से संबंधित रोग ठीक होते हैं।
- यह सिर दर्द की समस्या में फायदेमंद होता है। अक्सर लोगों का पेट खराब रहता है जिसके कारण उन्हें गैस बनती है और सिर दर्द होता है। इसके सेवन से आपका पेट ठीक होगा और सिर दर्द की समस्या समाप्त हो जाएगी।

त्रिफला का सेवन किसे और कब नहीं करना चाहिए
- 3 – 4 साल से कम उम्र के बच्चों को त्रिफला का सेवन नहीं करना चाहिए।
- बड़े लोगों में भी जिनका पेट बहुत नाजुक होता है उन्हें त्रिफला के सेवन से बचना चाहिए।
- यदि आप किसी बीमारी की दवाई खा रहे हो तो त्रिफला के सेवन से पहले चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।
- त्रिफला की अधिक मात्रा से कई बार दस्त की समस्या हो जाती है इसलिए अधिक मात्रा में सेवन से बचना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को त्रिफला का सेवन नहीं करना चाहिए।

त्रिफला का सेवन किन रूपों में किया जा सकता है?
त्रिफला का सेवन विभिन्न रूपों में किया जा सकता है, जैसे कि पाउडर (चूर्ण), कैप्सूल आदि के रूप में। आप अपने व्यक्तिगत चिकित्सक की सलाह के अनुसार इसका सेवन कर सकते हो।
त्रिफला के सेवन से सम्बंधित सावधानियां :
त्रिफला का सेवन चिकित्सक की
सलाह के बिना नहीं करना चाहिए। इसके सेवन से कब्ज, उल्टी, या और किसी तरह के साइड इफेक्ट्स हो सकते है।
त्रिफला एक प्राचीन आयुर्वेदिक औषधि है जो हमारे स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करती है। इसके बहुत सारे गुण और फायदे हैं जो इसे एक लोकप्रिय जड़ी-बूटी बना देते हैं। हालांकि, आपको इसका सेवन बड़ी सावधानी से करना चाहिए खासकर जब आप किसी रोग या स्वास्थ समस्या से पीड़ित हो तो इसके सेवन से पहले चिकित्सक की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। इस जड़ी-बूटी को सही तरीके से उपयोग करके आप अपने स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं और एक स्वस्थ और सुखमय जीवन जी सकते हैं।
